भारत के उस राज्य की अगर बात की जाए जिसके जवान आर्मी में जाने के लिए सबसे आगे रहते हैं, तो वो राज्य है “हरियाणा”. हरियाणा में गांव के इलाकों के सभी लोग आर्मी में सेवाएं देना ही पसंद करते हैं.
भारत में अगर किसी भी सरकारी नोकरी को सबसे ज्यादा प्यार और इज्जत मिलती है, तो वो है भारत की “सेनाएं. लेकिन भारत की सेनाओं में सबसे ज्यादा जान का जोखिम भी है. भारत 2 तरफ से दुश्मन देशों से घिरा हुआ है. एक तरफ है ताकतवर चालाक “चीन, दूसरी तरफ है कायर आतंकवादी मुल्क पाकिस्तान. इन दोनो देशों से भारत की सेना के जवानों को 24 घण्टे लडना पडता है. भारत के लिए 14 फरवरी 2019 के दिन एक दम काले दिन की तरह साबित हुआ, इस दिन भारत के 40 जवान फिदायीन धमाके में शहीद हो गए. इस धमाके को अंजाम पाकिस्तान के इस्लामिक आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद नें दिया था.

इस हमले के बाद भारत की आर्मी नें भी हमले को अंजाम देने वालो से बदला लेना था, और इसके लिए सर्च ऑपरेशन चलाया गया.
भारत की सेना के वीर जवानों का एक दस्ता तेजी से आतंकवादियों की खोज करने लगा. इस दस्ते में शहीद जवान हरि सिंह भी थे. भारतीय आर्मी के जवानों नें पुलवामा धमाके को अंजाम देने वाले आतंकवादियों ढूंढ निकाला. पुलवामा का मास्टरमाइंड अब्दुल गाजी अपने एक साथी के साथ पुलवामा से 10 किलोमीटर दूर पिंगलन में एक घर में पनाह लिए हुए था. गाजी को सेना की एक-एक गतिविधि की जानकारी मिल रही थी. शायद उसे वहां के लोकल स्लीपर्स जानकारियां दे रहे थे. जवान हरि सिंह अपने दस्ते के साथ आगे बढते हुए,आतंकियों से लोहा ले रहे थे. इसी दौरान उनकी गोली लगने से मौत हो गई. हरि सिंह के साथ-साथ उनके 3 और साथी भी शहीद हो गए. अंत में भारतीय आर्मी नें उन 2 आतंकियों को भी मार गिराया.

हरियाणा में रेवाड़ी जिला के एक छोटे से गांव राजगढ से थे शहीद जवान ‘हरि सिंह, यह गांव अरावली पर्वत श्रंखला की गोद में बसा हुआ है. गांव में करीब हर घर का एक जवान सेना में है.
गांव राजगढ मे हर जवान की कामना यही होती है कि वो भारतीय सेना में भरती हो, और देश की सेवा करे. इस पूरे गांव में देशप्रेम कूट-कूट कर भरा हुआ है. पहले भी गांव के बहुत से जवानों नें आर्मी में देश के लिए लडते हुए शहीदी दी है. कारगिल की जंग में भी राजगढ गांव का जवान शहीद हुआ था. एक के बाद एक शहीदी होने के बाद भी, गांव में किसी भी जवान को सेना में जाने से परहेज नही है, और आज भी वो सेना में जा रहे हैं.
शहीद हरि सिंह की अंतिम यात्रा में एक साथ आये हजारों लोग, हजारों लोगों की जुबान पर एक ही नारा था पाकिस्तान मुर्दाबाद
19 फरवरी के दिन हरि सिंह का पार्थिव शरीर सेना द्वारा गांव में लाया गया. हरि सिंह की अंतिम यात्रा में हजारों लोग एक साथ आये. गांव का बच्चा-2 नारा लगा रहा था हरि सिंह अमर रहे, पाकिस्तान मुर्दाबाद, पाकिस्तान तेरी कबर खुदेगी. अंतिम संस्कार में शामिल होने आए हजारों देश भगतों की वजह से संस्कार स्थल पर बहुत भीड थी, वहां पांव रखने की जगह भी नही थी. लोगों में शहीद हरि सिंह के लिए इतना सम्मान और प्यार था, कि उनको देखने के लिए सभी लोग पेड़ों पर चढ गए. गांव के लोग पहाड़ पर चढकर भारत माता की जय के नारे लगा रहे थे.
3 बहनों के एक भाई थे जवान हरि सिंह, करीब 25 साल उम्र में अपने 10 महीने के बेटे को छोड कर चले गए.
हरि सिंह करीब 18-19 की उम्र में ही सेना में भर्ती हो गए थे. जिस दिन हरि सिंह सेना में भर्ती के लिए गए थे, उनके पिता का देहांत हो गया था. हरि सिंह को इस बारे में कोई जानकारी नही थी. हरि सिंह 3 बहनों के अकेले भाई थे. उनकी शादी हुए भी ज्यादा समय नही हुआ था. उनके शहीद होने के बाद उनकी पत्नी और 10 महीने का बेटा रह गए. हरि सिंह की शहीदी के बाद हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री “राजगढ मे शहीद हरि सिंह के घर पहुंचे. “मनोहर लाल खट्टर जी” नें परिवार को सहायता के रूप में धनराशी के रूप में चेक दिया और हरि सिंह की पत्नी को आशीर्वाद भी दिया , तथा गांव वालों से भी कुछ देर तक विचार-विमर्श किया.
वीडियो में देखें पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे हजारों लोगों नें एक साथ लगाए.
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