भारत का पाकिस्तान-चीन से लेकर सारे एशिया या आधे यूरोप में जो कोई भी दुश्मन होगा ,उसका सर्वनाश यह मिसाइल सुनिश्चित करती है,नाम है “Agni-5”
भारत आज, भाजपा की मोदी सरकार राज में विश्व शक्ति बनने की ओर अग्रसर है.सेनाओं मजबूत होना उनके पास आधुनिक मिसाइल,जहाज या अन्य सभी जरूरी हथियार होना बहुत जरूरी होता है.जिसपर भारत सरकार नें विशेष ध्यान दिया है.ओर तेजी से सेनाओं को हथियार उपलब्ध करवाने में प्रतिबद्ध है.
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देखा जाए तो, आजादी के बाद से ही कांग्रेस पार्टी ने देश के लिए बहुत ही धीमी गति से काम किया, धीमी गति होने की वजह से ही,भारत और भारत के दुश्मन देश चीन के बीच ताकत में बहुत बड़ा अंतर आता चला गया.चीन मजबूत होता गया और हम उनकी तुलना में कमजोर होते चले गए. इसका मुख्य कारण था सरकारों ने अपना पहला कर्तव्य विकास को माना,लेकिन बॉर्डर सुरक्षा को मजबूत करना सरकार का पहला कर्तव्य बनता था.
देश सुरक्षित होगा तभी विकास होगा ना,ओर जहां तक विकास की बात करें तो चीन की सीमा के साथ लगे हुए राज्यों में गांवों तक न सड़कें,रेल लाइन,बिजली पहुंचा पाई. भारत की उस समय की सरकारें,इन राज्यों में शामिल थे ,मणिपुर,लेह लदाख,अरुणाचल, सिक्किम यहां कुछ गांव ऐसे हैं जहां,मोदी सरकार नें बिजली सन-2018 में पहुंचाई ओर पक्की सड़कें, रेल लाईन ,एयरपोर्ट बनवाने का काम तेजी से करवाया, तांकि नार्थ-ईस्ट के लोगों के साथ-2 भारत की सेनाएं भी मजबूत हों,वहां पक्की सड़कों ,रेल लाईनों ,पुलों का इस्तेमाल करके सेना के टैंक,हथियार,रसद, चीन बॉर्डर तक आसानी से पहुंच सकें.
इसके साथ ही भारत के वैज्ञानिकों ने बनाया एक ऐसा घातक मिसाइल,जिसके नाम से चीन-पाकिस्तान ख़ौफ खाने लगता है.ये मिसाइल भारत की सेना में करीब 10 साल पहले ही शामिल हो जानी चाहिए थी. लेकिन धीमा काम होने की वजह से यह ना हो सका.
इस मिसाइल का नाम है “Agni-5“,जिसकी खासियत आज हम आपको बताने जा रहे हैं.
5000 से 5500 किमी की दूरी तक वार करने वाली Agni-5 बैलिस्टिक मिसाइल, भारत की सबसे एडवांस्ड मिसाइल है। न्यूकलियर वॉरहेड ले जाने में सक्षम ये मिसाइल ऐसे ही मौत का सामान नहीं कहलाती है. पूरी तरह स्वदेशी Agni-5 बैलिस्टिक मिसाइल को डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने दिन-रात एक कर बनाया है. अग्नि प्रोजेक्ट की कमान संभालने वाली डीआरडीओ की महिला वैज्ञानिक और अग्नि प्रोग्राम की प्रोजेक्ट डॉयरेक्टर टेसी थॉमस की टीम ने इस मिसाइल को तैयार किया है.
★ इसकी रेंज 5000 किलोमीटर तक है.लेकिन अमरीका यह दावा करता है कि, यह 8000 किलोमीटर तक मार कर सकती है.
★ इसकी रफ्तार 24 मैक यानि लगभग 29,635 किमी प्रति घंटा है.
★यह अपने साथ 1500 किलो तक का न्यूक्लियर विस्पोटक लेकर जा सकती है.
★ यह gps नेविगेशन प्रणाली पर काम करती है इसका लक्ष्य हवा में बदला भी जा सकता है.
यह भारतीय सेना में शामिल की जा चुकी है, और इसके परीक्षण हर साल किये जा रहे हैं. जय हिंद, भारत माता की जय.
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